लिंग कई आकार और लंबाई के होते हैं। और वे सभी अलग-अलग दिखते हैं: सीधा, टेढ़ा, लंबा, मोटा, पतला, खतना किया हुआ, बिना खतना के। इनमें से कोई किसी अन्य से बेहतर नहीं होता है। लिंग किसी भी एक तरफ़ झुका या तिरछा हो सकता है। आधुनिक मेडिकल साइंस के अनुसार अधिकांश पुरुषों के लिंग की औसतन लंबाई 4-5 इंच होती है। वह इरेक्शन / उत्तेजित होने पर करीब 5-6 इंच तक बढ़ती है। इसके बावजूद भी कुछ पुरुष अपने लिंग को और अधिक लंबा करना चाहते हैं
Call Nowकिसी भी पुरुष के एक पिता बनने में असमर्थ होने को पुरुष बांझपन (Male Infertility in Hindi) कहा जाता हैं। बांझपन एक वह समस्या है, जिसमें दंपत्ति, एक वर्ष या उससे अधिक समय के प्रयास के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ होते है। 90 प्रतिशत के करीब पुरुषों में इनफर्टिलिटी यानि बांझपन का कारण शुक्राणु की कमी और खारब क्वालिटी है। सीमेन यानि वीर्य में स्पर्म काउंट कम होता है, तो इससे महिला को गर्भधारण करने में समस्या आती है। इसके अलावा और भी कई अन्य पुरुष बांझपन के लक्षणों के संकेत हो सकते है।
Call Now
शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जब कोई व्यक्ति संभोग के दौरान प्रवेश से पहले या शीघ्र ही नियंत्रण
के बिना स्खलन करता है। यह कम से कम यौन उत्तेजना के साथ होता है और व्यक्ति वास्तव में इतनी
जल्दी स्खलन की इच्छा नहीं करता है। इसका परिणाम दोनों भागीदारों के लिए सेक्सुअल एक्ट से
असंतोषजनक मात्रा में खुशी मिलती है।
इससे प्रदर्शन करने का दबाव व्यक्ति को मिलता है और अतिरिक्त चिंता रोगी के संकट में जुड़ जाती
है। यह पुरुषों में यौन रोगों की अभिव्यक्तियों में से सबसे आम है। लगभग सभी पुरुष अपने यौन
जीवन में एक बिंदु पर इस स्थिति के शिकार होते हैं।
शीघ्रपतन भी (Premature Ejaculation) पुरुषों में सबसे आम यौन शिकायत है। यह तब होता है जब कोई
पुरुष संभोग के दौरान मंजिल पर पहुंचने से पहले ही स्खलित हो जाता है। जब आदमी जल्दी स्खलन करता
है तो उसके लिए यह एक निराशाजनक स्थिति पैदा हो जाती है, क्योंकि यह संभोग और आनंद के दौरान
बिताए गए समय को कम कर देता है।
बांझपन एक ऐसी स्थिति है जब कोई व्यक्ति कुछ हार्मोन के अपर्याप्त स्तर के कारण गर्भ धारण नहीं
कर सकता है। यह उस स्थिति को संदर्भित करता है जब एक महिला एक वर्ष से अधिक समय तक
सावधानीपूर्वक और असुरक्षित यौन संबंध रखने के बाद भी गर्भ धारण नहीं कर सकती है। एक आदमी
बांझपन से पीड़ित होता है यदि वह जिस वीर्य को स्खलित करता है उसमें शुक्राणुओं की संख्या कम
होती है या यदि शुक्राणु निम्न गुणवत्ता का होता है।
बाँझपन (अंग्रेज़ी: Infertility) मूलरूप में संतानोत्पत्ति की स्थायी अक्षमता की अवस्था है।
मनुष्यों में एक वर्ष तक प्रयास करते रहने के बाद अगर गर्भधारण नहीं होता तो उसे बन्ध्यता या
अनुर्वरता कहते हैं। यह केवल स्त्री के कारण नहीं होती। केवल एक तिहाई मामलों में अनुर्वरता
स्त्री के कारण होती है।
नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction) उस यौन संबंधित रोग को कहते हैं जो इंसान के शरीर में
वीर्य कम या खत्म हो जाता है और इसी कारण वह संतान की प्राप्ति नहीं कर सकता । इसे स्तंभन दोष
भी कहते हैं ।
नपुसंकता (Erectile dysfunction)अब सामान्य हो चली है । तनाव या डिप्रैशन के होना इसकी प्रमुख
जड़ है ।बार-बार हो रही बीमारियां या स्वास्थ्य का खराब रहना भी नपुंसकता के लक्षण हो सकते हैं
।
नपुसंकता यानि (Erectile dysfunction) उस यौन संबंधित रोग को कहते हैं जो इंसान के शरीर में वीर्य कम या खत्म हो जाता है और इसी कारण वह संतान की प्राप्ति नहीं कर सकता । इसे स्तंभन दोष भी कहते हैं ।
नपुसंकता (Erectile dysfunction)अब सामान्य हो चली है । तनाव या डिप्रैशन के होना इसकी प्रमुख जड़ है ।बार-बार हो रही बीमारियां या स्वास्थ्य का खराब रहना भी नपुंसकता के लक्षण हो सकते हैं ।
कईं बार सिर्फ नपुसंकता (Erectile dysfunction) का होना सैक्स समस्या नहीं हो सकता बल्कि इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं । इसके पीछे दूसरे शारीरिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे-
समय से पहले वीर्य का निकल जाना
देरी से या कम मात्रा में वीर्य का निकलना
सैक्स में मन न लगना
Spermatorrhea In Hindi धातु रोग या धात रोग पुरुष यौन सम्बंधित समस्या है जो आकस्मिक और अनैच्छिक वीर्यपात का कारण बनती है इस समस्या से पीड़ित व्यक्तियों में स्खलन (वीर्यपात) अक्सर यौन फिल्मों / दृश्यों / को देखने, विपरीत लिंग के व्यक्ति को छूने या बात करने के दौरान भी होता है। यह समस्या व्यक्तियों को मानसिक विकारों और यौन सम्बन्धी आदतों के कारण अधिक प्रभावित करती है। यह समस्या सेक्स की इच्छाओं में नुकसान के साथ-साथ अन्य जटिलताओं का कारण बन सकती है। अतः इस समस्या से बचने के लिए एक अच्छी मानसिकता और स्वस्थ दिनचर्या को अपनाना महत्वपूर्ण होता है। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि धात (धातु) रोग (Spermatorrhea) क्या है, इसके कारण, लक्षण, उपचार क्या हैं और इसकी रोकथाम के लिए क्या-क्या घरेलू उपचार अपनाये जा सकते हैं।
Call Nowशीघ्र गिर जाने को शीघ्रपतन कहते हैं। सेक्स के मामले में यह शब्द वीर्य के स्खलन के लिए प्रयोग किया जाता है। पुरुष की इच्छा के विरुद्ध उसका वीर्य अचानक स्खलित हो जाए, स्त्री सहवास करते हुए संभोग शुरू करते ही वीर्यपात हो जाए और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, अधबीच में अचानक ही स्त्री को संतुष्टि व तृप्ति प्राप्त होने से पहले ही पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाना या निकल जाना, इसे शीघ्रपतन होना कहते हैं। इस व्याधि का संबंध स्त्री से नहीं होता, पुरुष से ही होता है और यह व्याधि सिर्फ पुरुष को ही होती है।
Call Nowशीघ्र गिर जाने को शीघ्रपतन कहते हैं। सेक्स के मामले में यह शब्द वीर्य के स्खलन के लिए प्रयोग किया जाता है। पुरुष की इच्छा के विरुद्ध उसका वीर्य अचानक स्खलित हो जाए, स्त्री सहवास करते हुए संभोग शुरू करते ही वीर्यपात हो जाए और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, अधबीच में अचानक ही स्त्री को संतुष्टि व तृप्ति प्राप्त होने से पहले ही पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाना या निकल जाना, इसे शीघ्रपतन होना कहते हैं। इस व्याधि का संबंध स्त्री से नहीं होता, पुरुष से ही होता है और यह व्याधि सिर्फ पुरुष को ही होती है।
शीघ्र पतन की सबसे खराब स्थिति यह होती है कि सम्भोग क्रिया शुरू होते ही या होने से पहले ही वीर्यपात हो जाता है। सम्भोग की समयावधि कितनी होनी चाहिए यानी कितनी देर तक वीर्यपात नहीं होना चाहिए, इसका कोई निश्चित मापदण्ड नहीं है। यह प्रत्येक व्यक्ति की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति पर निर्भर होता है।
समय से पहले वीर्य का स्खलित हो जाना शीघ्रपतन है। यह “समय” कोई निश्चित समय नहीं है पर जब “एंट्री” के साथ ही “एक्सिट” होने लगे या स्त्री-पुरुष अभी चरम पर न हो और स्खलन हो जाए तो यह शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) है। ऐसे में असंतुष्टि, ग्लानी, हीन-भावना, नकारात्मक विचारो का आना एवं अपने साथी के साथ संबंधों में तनाव आना मुमकिन है।
नपुंसकता यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पुरुष अपने साथी के साथ संतोषजनक संभोग नहीं कर पाता है. वैज्ञानिक रूप से इसे ऐसे समझा जा सकता है. संभोग के दौरान लिंग का लगातार उत्तेजित रहना आवश्यक होता है. इस उत्तेजना के बने रहने के लिए लिंग में लगातार रक्त की आपूर्ति होनी चाहिए. चूंकि लिंग में कोई हड्डी नहीं होती है, जिसकी मदद से उसमें तनाव बना रहे, ऐसे में तंत्रिका तंत्र के साथ रक्त वाहिकाएं इस कार्य को करती हैं. लिंग की धमनी में रक्त का अपर्याप्त प्रवाह, उम्र के कारण धमनी का सख्त होना (एथेरोस्क्लेरोसिस), डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान आदि समस्याएं हैं जो ईडी के प्रमुख कारण हैं. सबसे बड़ी और खुशी की बात यह है कि यह लाइलाज नहीं है. कई बार दवाइयों, हार्मोन थेरेपी और प्रत्यारोपण जैसे इलाजों से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है. कई बार इस समस्या के अंतर्निहित कारण का इलाज करना ही नपुंसकता को ठीक करने के लिए काफी होता है.
Call Nowविटिलिगो (Vitiligo) एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से पर मेलेनिन पिगमेंट की कमी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उन क्षेत्रों पर सफेद या पीले दाग या छाले (white or yellowish patches) बन जाते हैं। मेलेनिन एक पिगमेंट होता है जो त्वचा, बाल, और आंखों को रंग देता है।
विटिलिगो का प्राथमिक कारण त्वचा के मेलेनिन उत्पादन की असमान्य कार्रवाई या त्वचा के मेलेनोसाइट्स (melanocytes) के नष्ट हो जाने में विफलता होती है। इसके बावजूद, विटिलिगो के कारणों का पूरी तरह से समझना अभी तक मुश्किल है, लेकिन कुछ मान्यता प्राप्त कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
ऑटोइम्यून रोग: इस त्वचा रोग के कुछ मामलों में, शरीर का ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया मेलेनोसाइट्स को हानि पहुँचाने के रूप में कार्रवाई करता है। Call Nowआनुवांशिक कारण: यदि किसी के परिवार में विटिलिगो के मरीज हैं, तो इसका किसी के बच्चों को भी होने का खतरा बढ़ जाता है।
पर्यावरणीय कारक: कुछ पर्यावरणीय कारक जैसे कि त्वचा के जख्म, रासायनिक प्रभाव, या त्वचा के संपर्क में आने वाले किसी कीटाणु के कारण भी विटिलिगो हो सकता है।
विटिलिगो के इलाज में डर्मटोलॉजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। इलाज के लिए विभिन्न विधियाँ होती हैं, जैसे कि टॉपिकल स्टेरॉयड और फोटोथेरेपी (light therapy)। इसके अलावा, कुछ मामलों में डेपिगमेंटेशन (depigmentation) भी किया जा सकता है, जिसमें बाकी त्वचा को सफेद किया जाता है ताकि विटिलिगो के सफेद छाले के साथ समान रंग हो।
विटिलिगो का इलाज लंबा समय लेता है और पूरी तरह से सफलता गारंटी नहीं देता है, लेकिन इसके द्वारा सफेद छालों को कम करने और त्वचा को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
Call Nowस्वप्नदोष, जिसे नॉक्टर्नल इमिशन या नाइट फॉल भी कहा जाता है, एक पुरुषों की यौन समस्या है जिसमें वे रात के समय अनवांछित रूप से यौन द्रव (सेमेन) का निकास करते हैं, बिना किसी यौन स्तिमुलेशन के या स्वपन में। यह समस्या आमतौर पर पुरुषों में यौन शक्ति और यौन संबंधों में समस्याओं का कारण बन सकती है।
स्वप्नदोष के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
यौन स्वपन (Erotic Dreams): स्वप्नदोष का सबसे सामान्य कारण होता है यौन स्वपन। यौन ख्वाब देखने के दौरान यौन आवेग बढ़ सकता है और स्वप्नदोष को शुरू कर सकता है।
Call Nowहार्मोनल बदलाव: युवाओं में हार्मोनल परिवर्तन के समय यह समस्या हो सकती है, जब हार्मोन्स शरीर के यौन लक्षणों को प्राथमिकता देते हैं।
सामाजिक दबाव: सामाजिक दबाव, यौन असमानता, और यौन संबंधों के प्रति विचित्रता की वजह से भी स्वप्नदोष हो सकता है।
धार्मिक अनुष्ठान: कुछ धार्मिक अनुष्ठानों में स्वप्नदोष को एक दोष के रूप में देखा जा सकता है, और इसके लिए उपाय की आवश्यकता हो सकती है।
यौन अत्यधिकता: यौन स्वास्थ्य के मामूली उल्लंघन और यौन अधिकता के कारण भी स्वप्नदोष हो सकता है।
स्वप्नदोष का इलाज समय के साथ हो सकता है, और यह आयुर्वेद के साथ-साथ योग और प्राणायाम के आभ्यास, सही आहार, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त तंत्र के साथ किया जा सकता है।
अश्वगंधा (Withania Somnifera): अश्वगंधा यौन समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है और स्वपनदोष को रोकने में सहायक हो सकती है। आप अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध के साथ ले सकते हैं।
शतावरी (Asparagus Racemosus): शतावरी यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है और स्वपनदोष को कम करने में सहायक हो सकती है। आप शतावरी का पाउडर या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
Call Nowत्रिफला (Triphala): त्रिफला एक प्राकृतिक औषधि है जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकती है और स्वपनदोष को रोकने में मदद कर सकती है। आप त्रिफला पाउडर को रात को गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम की अभ्यासन स्वपनदोष को कम करने में मदद कर सकता है। विशेष रूप से वज्रासन, पवनमुक्तासन, और भ्रमरी प्राणायाम उपयोगी हो सकते हैं।
सही आहार: सही आहार का सेवन करना स्वपनदोष को रोकने में मदद कर सकता है। आपको प्राकृतिक और सात्विक आहार पसंद करना चाहिए, और यौन अधिकता से बचने के लिए यौन संबंधों के प्रति ध्यान देना चाहिए।
आत्म-संयम: यौन संबंधों के प्रति आत्म-संयम बढ़ावा देना चाहिए। योग और ध्यान की मदद से आप यौन इच्छा को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि स्वपनदोष का इलाज व्यक्तिगत हो सकता है, और यदि आपको इस समस्या से पीड़ित होने की विशेष सावधानी या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह की आवश्यकता होती है!